जड़ता मानसिक, प्राणिक, भौतिक, अवचेतन होती है । भौतिक जड़ता मानसिक जड़ता उत्पन्न कर सकती है । प्राणिक जड़ता लगभग हमेशा भौतिक को निष्प्राण, मलिन तथा सुस्त बना देती है । - श्रीअरविन्द

संस्था का परिचय

श्रीअरविन्द-सोसायटी का मुख्य उद्देश्य श्रीअरविन्द और श्रीमाँ की शिक्षाओं पर आधारित एक आध्यात्मिक समाज और एक नये विश्व के लिए कार्य करना है। इसकी स्थापना 1960 में उन व्यक्तियों एवं संस्थाओं को एक जुट करने के लिए हुई थी जो उक्त आदर्श से प्ररित थे ताकि वे व्यक्तिगत तथा सामूहिक रूप में विश्व भर में उस आदर्श को प्रभावी ढंग से मूर्त रूप दे सकें।

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श्री माँ द्वारा दिए गए श्रीअरविन्द-सोसायटी प्रतीक का अर्थ

यह श्री अरविन्द के प्रतीक जैसा ही होता है परंतु दोनों त्रिभुजों के शिरोबिंदु जोड़ दिए जाते है जिससे इसे हीरे का रूप मिल जाता है |

श्री अरविन्द के अनुसार हीरा श्रीमाँ के सघनतम प्रकाश का प्रतीक है |

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